हाथो मे हाथ लिये बैठे हो और मांगते हो जाने की इजाजत
तुम भी ना
मेरी मौत की खबर उसे ना देना मेरे दोस्तो
घबराहट होती है कहीं पागल ना हो जाये वो इस खुशी में
तुझसे से कैसे गिला ऐ नादान
कुछ रिश्तों की उम्र ही कम होती है
जब बिखरेगा तेरे रूखसार पर तेरी आँखों का पानी
तुझे एहसास तब होगा मोहब्बत किस को कहते है
ये मुकरने का अंदाज़ मुझे भी सीखा दो
वादे नीभा नीभा के थक गया हूँ मैं
हो गयी हो कोई भूल तो दिल से माफ कर देना..
सुना है सोने के बाद हर किसी की सुबह नहीं होती...!!
मुझे मालूम है कि ये ख़्वाब झूठे हैं और ख़्वाहिशे अधूरी हैं
मगर जिंदा रहने के लिए कुछ ऐसी ग़लतफ़हमियाँ जरूरी हैं
नकाब तो उनका सर से ले कर पांव तक था
मगर आँखे बता रही थी के मोहब्बत के शौकीन थे वो
किसी टूटे हुए मकान की तरह हो गया है ये दिल...
कोई रहता भी नही और कमबख्त बिकता भी नही...!
जिन्दा रहो जब तक लोग कमियां ही निकालते हैं..
मरने के बाद जाने कहाँ से इतनी अच्छाइयां ढूंढ लाते हैं...
एक तेरी ख़ामोशी जला देती है इस पागल दिल को
बाकी तो सब बातें अच्छी हैं तेरी तस्वीर में
हथेली पर रखकर नसीब अपना
क्यूँ हर शख्स मुकद्दर ढूँढ़ता है
अजीब फ़ितरत है उस समुन्दर की
जो टकराने के लिए पत्थर ढूँढ़ता है
में यह नहीं कहता के मेरी खबर पुछो तुम
खुद किस हाल में हो इतना तो बता दिया करो
ज़िन्दगी का ये हूनर भी आज़माना चाहिए
जंग अगर अपनो से हो तो हार जाना चाहिए
er kasz
Bas isliye har shaks shayar nahi ban pata
Bayan e dard ka hunar kisi kisi ko aata hai
ना जाने किस मिट्टी को मेरे वजुद की ख्वाईश थी
मै ईतना तो बना भी ना,,था जीतना मिटा दिया गया हूँ
फ़क्र ये के तुम मेरे हो
फ़िक्र ये पता नही कब तक
नाज है मुझे तेरी नफरतों का अकेला वारिस हूँ
मोहोबत तो तुम्हे बहोत से लोगों से है
ये नज़रें तो किसी को देखना ही नहीं चाहती ,
तो दिल में कैसे बसाएंगी किसी को ,
अमीर होता तो बाज़ार से खरीद लाता नकली
गरीब हूँ इसलीये दिल असली दे रहा हु