तेरी वफ़ा के खातिर ज़लील किया तेरे शहर के लोगों ने
इक तेरी कदर न होती तो तेरा शहर जला देते
छोड़ तो दिया मुझे पर कभी ये सोचा है तुमने
अब कभी झूँठ बोला तो कसमें किसकी खाओगी
वक़्त की रफ़्तार कभी बदलती नहीं
बस ज़िन्दगी की रफ़्तार बदल जाती है
चलो पूरी कायनात का बँटवारा करते है
तुम सिर्फ मेरे बाकी सब तुम्हारा
गुनाह मुझे मेरे सामने गिनवा दो
बस जब कफ़न में छुप जाऊ तो बुरा न कहना
याद तो आता हूँगा ना तुम्हें मैं
वफाओं का जब कहीं ज़िक्र होता होगा
दर्द लिखते रहे, आह भरते रहे
लोग पढते रहे, वाह वाह करते रहे
न होते मुकाबिल न लडती नजर
ये अपनी खता है गिला क्या करें
दोस्तो मुझे मुहब्बत हो गयी है
मैं बच तो जाउंगा ना
Na padhna meri aankhon ki sacchai
Mujhe darr h kahi tumhe pyar ho gya to
Aksar Ye Ehsas Hota Hai Mujhy
Tumhein Koi Ehsas Nahiin Mera
आपका गम है फिर भी मजा इसी जीने में है
आप नहीं तो क्या हुआ पर गम सीने में है
एक तेरी ख़ामोशी जला देती है इस पागल दिल को
बाकी तो सब बातें अच्छी हैं तेरी तस्वीर में
चल ऐ दिल किसी अनजान सी बस्ती में
इस शहर में तुझसे सभी नाराज ही रहते हैं
उम्र गुज़र गई उससे बिछड़े अब मुझे ज़माना हो गया है
मेरा ग़म भी बढ़ते बढ़ते और सुहाना हो गया है
संभलकर रहना हसीनों से ये दिल पर वार करती हैं
पहले तो दीवाना बनती हैं फिर बदनाम करती हैं
ठान लिया था कि अब और नहीं लिखेंगे
पर उन्हें देखा और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे
er kasz
सुना है आज उस की आँखों मे आसु आ गये
वो बच्चो को सिखा रही थी की मोहब्बत ऐसे लिखते है
दम तोड़ देती है माँ-बाप की ममता जब बच्चे कहते है
तुमने किया ही क्या है हमारे लिए
मेरी बेबसी की इंतहा मत पूछो;
मैं रो के कह रहा था वो हंस के सुन रही थी.
